Add To collaction

हिंदी कहानियां - भाग 138

शहंशाह अकबर अपनी सल्तनत में सभी का बहुत अच्छे से ख्याल रखते थे। कोई उनकी सुविधाओं से वंचित न रहे जाए इसलिए वह वहाँ भेष बदल बदल कर घूमा करते थे। और लोगो के बीच जाकर लोगों की परेशानियों का अनुभव करते थे, कि कोई उनकी सल्तनत में दुखी तो नही है। अकबर एक बहुत ही अच्छे शहंशाह थे।


एक दिन शहंशाह अकबर अपने दरबार मे अपने बेटे को गोद मे खिला रहे थे। अकबर का बेटा बहुत खूबसूरत था। लोग उसे देखते ही तारीफ किये बिना नही रहते थे। जब अकबर अपने बेटे को खिला रहे थे, तो दरबार मे बैठे सभी लोग उसकी तरीफ़ करने लगे।

दरबारी – जहाँ पनाह आपका बेटा दुनिया का सबसे खूबसूरत बच्चा है, शहज़ादे जैसा दुनिया मे और दूसरा कोई बच्चा नहीं है।

अकबर – हाँ मुझे भी ऐसा ही लगता है, शहज़ादे जैसा कोई नही, वह सबसे खूबसूरत है।

दरबारी – हाँ, हाँ जहाँ पनाह बिल्कुल।

अकबर – तुम क्या कहते हो बीरबल, तुम्हे क्या लगता है? हमारा शहज़ादा दुनिया का सबसे खूबसूरत बच्चा है।

बीरबल – जहाँ पनाह मुझे ऐसा नहीं लगता, लेकिन मैं ये नही कह रहा शहज़ादे खूबसूरत नही है।

अकबर – क्या, क्या तुम्हें ऐसा लगता है हमारे शहज़ादे खूबसूरत नही है।

बीरबल – नही जहाँ पनाह मैंने ऐसा तो नही कहा, मेरी बात को आप गलत मत समझीये, मेरे कहने का मतलब है शहज़ादे खूबसूरत तो हैं, लेकिन पूरी दुनिया में सबसे खूबसूरत हैं मैं इस बात को नही मानता।

अकबर – क्या तुम्हारे कहने का मतलब है शहज़ादे पूरी दुनिया मे सबसे खूबसूरत नही है।

बीरबल – जी जहाँ पनाह मेरे कहने का वही मतलब है। मुझे लगता है दुनिया में शहज़ादे ही ऐसे नही है जो सबसे खूबसूरत हैं।

अकबर – बीरबल आज तुमने हमारे दिल को बहुत ठेस पहुँचाई है। तुम साबित करके दिखाओ शहज़ादे से भी ज़्यादा और कोई खूबसूरत बच्चा है, उसे हमारे सामने पेश करो।

बीरबल – जी जहाँ पनाह मुझे लगता है और मुझे पूरा भरोसा है, मैं इस बात को साबित कर सकता हूँ।

अकबर – जाओ तुम इस बात को साबित करके दिखाओ और जबतक मुझे अपनी शक्ल मत दिखाना।

और फिर क्या था बीरबल शहज़ादे से भी ज़्यादा खूबसूरत बच्चे की तलाश में निकल गए। फिर कुछ दिनों बाद बीरबल दरबार मे हाज़िर होते हैं।

अकबर – आओ बीरबल! तुम आ गए! क्या तुम्हे शहज़ादे से ज़्यादा खूबसूरत बच्चा मिला। तुम खाली हाथ लौटे अब तो तुम मानते हो शहज़ादे जितना खूबसूरत और कोई नही।

बीरबल – जहाँ पनाह मैं ये बताने दरबार में आया हूँ मैंने शहज़ादे से खूबसूरत बच्चा ढूंढ लिया है।

अकबर – क्या! ढूंढ लिया है, तो उसे दरबार मे क्यों नही लाये, वो यहां क्यों नही आया।

बीरबल – जहाँ पनाह मैं उस बच्चे को तो यहाँ नही ला सका, लेकिन मैं आपको वहाँ ज़रूर ले जाऊँगा ताकि आप कुछ समझ पाएं।

अकबर – क्यों बीरबल, बच्चा यहाँ क्यूँ नही आ सकता? अच्छा ठीक है, मैं ही वहाँ जाऊंगा, हम कल सुबह ही वहाँ जाएंगे।

बीरबल – जी जहाँ पनाह हम कल सुबह ही वहाँ जाएंगे।लेकिन जहाँ पनाह हमे वहां पर भेष बदल कर जाना होगा।

अकबर – ठीक है बीरबल!

शहंशाह अकबर और बीरबल अगली सुबह ही उस बच्चे के पास जाते हैं। वो बच्चा बहुत ही गरीब होता है और छोटी सी झोपड़ी में रहता है और वह वहाँ मिट्टी में खेलता होता है।

बीरबल – जहाँ पनाह वो रहा दुनिया का सबसे खूबसूरत बच्चा।

अकबर – ये क्या तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है, जो इतने बदसूरत बच्चे को दुनिया का सबसे खूबसूरत बच्चा बता रहे हो।

ये बात सुनकर बच्चा बहुत ज़ोरों से रोता है, तभी उसी समय उस बच्चे की माँ उस झोपड़ी से निकल कर बहर आती है। अकबर की ये बात सुनकर अकबर से कहती है।

बच्चे की माँ – तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे बच्चे को बदसूरत कहने की, मेरा लाल दुनिया का सबसे खूबसूरत बच्चा है। आज के बाद तुमने ऐसी बात कही तो मैं तुम्हारी हड्डी पसली तोड़ दूंगी। चले जाओ यहाँ से आज के बाद अपनी सूरत मत दिखाना।

उस बच्चे की माँ ये बात कह कर बच्चे को जोर जोर से खिलाने लगी अरे, अरे, मेरा लाल, मेरा बच्चा, मेरा बच्चा दुनिया का सबसे खूबसूरत बच्चा है।

उस बच्चे की ये बात सुनकर अकबर बिल्कुल खामोश हो गए।

बीरबल – कुछ समझ आया जहाँ पनाह।

अकबर – हाँ, बीरबल मैं अच्छी तरह समझ गया।

बीरबल – माँ बाप के लिए उसका बच्चा चाहे कैसा भी हो, वो उसके लिए दुनिया का सबसे खूबसूरत बच्चा होता है।

अकबर – तुम सही कह रहे हो बीरबल, हर माँ बाप के लिए अपना बच्चा खूबसूरत होता है।

बीरबल – मेरे कहने का मकसद सिर्फ इतना था के आप दुनिया की चापलूसी में न फंसकर शहज़ादे को अच्छी तालीम दें। मैं तो सिर्फ आपका भला चाहता हूँ।

अकबर – बीरबल तुमने एक बार फिर ये साबित कर दिया तुम हमारे सच्चे दोस्त हो। तुमने बिना डरे हमे इस बात को समझाया। बहुतखूब बीरबल! बहुत खूब!

बीरबल – शुक्रिया जहाँ पनाह।

   0
0 Comments